आठवणी तुझ्या मनात, अश्रू माझ्याच डोळ्यात !!.. दोघेही मनसोक्त वाहतो, आठवणीच्या महापुरात !!! ...
किसी नजर को तेरा इंतज़ार आज भी हैकहा हो तुम के ये दिल बेकरार आज भी हैवो वादियाँ, वो फज़ायें के हम मिले थे जहांमेरी वफ़ा का वही पर मज़ार आज भी हैन जाने देख के क्यों उनको ये हुआ एहसासके मेरे दिल पे उन्हें इख्तियार आज भी हैवो प्यार जिस के लिए हमने छोड़ दी दुनियाँवफ़ा की राह में घायल वो प्यार आज भी हैयकीन नहीं है मगर आज भी ये लगता हैमेरी तलाश में शायद बहार आज भी हैन पूछ कितने मोहब्बत के ज़ख़्म खाये हैंके जिनको सोच के दिल सोगवार आज भी है
किसी नजर को तेरा इंतज़ार आज भी है
ReplyDeleteकहा हो तुम के ये दिल बेकरार आज भी है
वो वादियाँ, वो फज़ायें के हम मिले थे जहां
मेरी वफ़ा का वही पर मज़ार आज भी है
न जाने देख के क्यों उनको ये हुआ एहसास
के मेरे दिल पे उन्हें इख्तियार आज भी है
वो प्यार जिस के लिए हमने छोड़ दी दुनियाँ
वफ़ा की राह में घायल वो प्यार आज भी है
यकीन नहीं है मगर आज भी ये लगता है
मेरी तलाश में शायद बहार आज भी है
न पूछ कितने मोहब्बत के ज़ख़्म खाये हैं
के जिनको सोच के दिल सोगवार आज भी है