आठवणी तुझ्या मनात, अश्रू माझ्याच डोळ्यात !!.. दोघेही मनसोक्त वाहतो, आठवणीच्या महापुरात !!! ...
तुमको देखा तो ये खयाल आयाजिंदगी धूप, तुम घना सायाआज फिर दिल ने एक तमन्ना कीआज फिर दिल को हम ने समझायातुम चले जाओगे तो सोचेंगेहमने क्या खोया हमने क्या पायाहम जिसे गुनगुना नहीं सकतेवक़्त ने ऐसा गीत क्यों गाया
तुमको देखा तो ये खयाल आया
ReplyDeleteजिंदगी धूप, तुम घना साया
आज फिर दिल ने एक तमन्ना की
आज फिर दिल को हम ने समझाया
तुम चले जाओगे तो सोचेंगे
हमने क्या खोया हमने क्या पाया
हम जिसे गुनगुना नहीं सकते
वक़्त ने ऐसा गीत क्यों गाया